Sunday, November 17, 2019

समास में अंतर

                   समास में अंतर

कुछ समास समान प्रतीत होने के उपरांत भी उनमें कुछ सूक्ष्म अंतर प्रकट होते हैं।

कर्मधारय और बहुव्रीहि समास में अंतर :

द्विगु और बहुव्रीहि समास में अंतर :

कर्मधारय समास में दोनों पद प्रधान होते हैं। यह किसी अन्य अर्थ की ओर संकेत नहीं करते हैं। इसका एक पद विशेषण या उपमान तथा दूसरा पद विशेष्य या उपमेय होता है।
परन्तु बहुव्रीहि समास में दोनों पद गौण होकर किसी पृथक अर्थ की ओर संकेत करते हैं।

पहला उदाहरण :

कमलनयन - कमल जैसे नयन (आँख) - कर्मधारय समास

दूसरा उदाहरण :

कमलनयन - कमल समान नयन हैं जिनके (कृष्ण) - बहुव्रीहि समास

उपरोक्त पहले उदाहरण 'कमलनयन' शब्द में पूर्व पद 'कमल' विशेषण या उपमान है जो उत्तर पद में स्थित विशेष्य या उपमेय के रूप में 'नयन' की विशेषता प्रदर्शित करते हैं।
इसमें विशेषण या विशेष्य तथा उपमान या उपमेय के मेल का ज्ञात होता है जो कर्मधारय समास होने का संकेत करते हैं। 
किंतु बहुव्रीहि समास में दोनों पद संगठित होकर किसी अन्य अर्थ को प्रकट करते हैं।
उपरोक्त दूसरे उदाहरण में 'कमल' और 'नयन' दोनों पद मिलकर किसी तीसरे शब्द 'कृष्ण' का निर्माण करते हैं।
अतः यह सामासिक पद 'कमलनयन' बहुव्रीहि समास के अंतर्गत आते हैं।

जैसे : 

पीतांबर - पीला है जो वस्त्र (कर्मधारय समास)
पीतांबर - पीला है वस्त्र जिनका - कृष्ण (बहुव्रीहि समास)

द्विगु और बहुव्रीहि समास में अंतर :

द्विगु समास का पूर्व पद संख्यावाची होता है जो उत्तर पद की संख्या बताता है एवं दोनों पद मिलकर अर्थात समस्त पद समूहवाचक बन जाता है। इसका पूर्व पद, संख्यावाची विशेषण होता है।
बहुव्रीहि समास मे प्रथम पद संख्यावाचक होने के बावजूद निष्क्रिय होकर द्वितीय पद के साथ मिलकर किसी तीसरे पद का सृजन करता है।

पहला उदाहरण :

त्रिलोचन - तीन लोचनों (आँखों) का समूह (द्विगु समास)

दूसरा उदाहरण :

त्रिलोचन - तीन लोचन हैं जिनके - शिव (बहुव्रीहि समास)

उपरोक्त पहला उदाहरण 'त्रिलोचन' में पूर्व पद 'त्रि' संख्यावाची विशेषण है जिसका अर्थ 'तीन' तथा उत्तर पद 'लोचन' का अर्थ 'आँँख' होता है। जिसका अर्थ तीन लोचनों का समूह होता है। दोनों पद मिलकर समूह का बोध कराते हैं इसलिए यह द्विगु समास के अंतर्गत आते हैं।
दूसरे उदाहरण में दोनों पद मिलकर एक नवीन शब्द बनाते हैं क्योंकि सिर्फ 'शिव' के ही तीन आँँखें होते हैं। इस सामासिक पद से 'शिव' नामक अर्थ प्रस्तुत होता है। अतः इसे बहुव्रीहि समास कहा जाता है।

जैसे :

चतुर्भुज - चार भुजाओं का समूह (द्विगु समास)
चतुर्भुज - चार भुजाएँ हैं जिनकी - शिव (बहुव्रीहि समास

समास से संबंधित कुछ प्रश्नोत्तर : 

1. प्रश्न : शब्द समूह को संक्षिप्त करने की प्रक्रिया को                 क्या कहा जाता है ?
    उत्तर : समास।
2. प्रश्न : दोनों पद मिलकर एक नवीन शब्द बनाते हैं,                 उसे क्या कहते हैं ?
   उत्तर : सामासिक पद।
3. प्रश्न : समस्त पद को खंडित करने को क्या कहते हैं              ?
    उत्तर : समास विग्रह।
4. प्रश्न : विग्रह करने पर दोनों पदों के मध्य क्या                       लगता है ?
    उत्तर : कारक का विभक्ति चिह्न या परसर्ग।
5. प्रश्न : समस्त पद का दूसरा नाम क्या है ?
    उत्तर : सामासिक पद।
6. प्रश्न : समस्त पद के पहले पद को क्या कहा जाता                 है ?
    उत्तर : पूर्व पद।
7. प्रश्न : समस्त पद का दूसरा पद क्या कहलाता है ?
    उत्तर : उत्तर पद।
8. प्रश्न : समास के कितने भेद होते हैं ?
   उत्तर : छ: भेद।
9. प्रश्न : अव्ययीभाव समास का कौन सा पद प्रधान                  होता है ?
    उत्तर : पूर्व या पहला पद।
10. प्रश्न : किस समास का पहला पद अव्यय होता है                   ?
      उत्तर : अव्ययीभाव समास।
11. प्रश्न : किस समास का समस्त पद अविकारी होता                है ?
      उत्तर : अव्ययीभाव समास।
12. प्रश्न : किस समास का उत्तर पद प्रधान होता है ?
      उत्तर : तत्पुरूष समास।
13. प्रश्न : किस समास का एक पद विशेषण और                        दूसरा पद विशेष्य होता है ?
     उत्तर : कर्मधारय समास।
14. प्रश्न : उपमान और उपमेय के संयुक्त पद वाले                      समास को क्या कहा जाता है ?
      उत्तर : कर्मधारय समास।
15. प्रश्न : विशेषण शब्द किसकी विशेषता बताता है ?
      उत्तर : विशेष्य।
16. प्रश्न : उपमान किसे कहते हैं ?
     उत्तर : जिससे उपमा दी जाए या तुलना की जाए                    उसे उपमन कहते हैं।
17. प्रश्न : उपमेय क्या है ?
      उत्तर : जिसकी समानता या तुलना की जाती है,                      वह उपमेय कहलाता है।
18. प्रश्न : किस समास का पूर्व पद संख्यावाची होता है                 ?
      उत्तर : द्विगु समास।
19. प्रश्न : कौन सा समास समूह का बोध कराता है ?
      उत्तर : द्विगु समास।
20. प्रश्न : किस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं ?
      उत्तर : द्वंद्व समास।
21. प्रश्न : किस समास को विग्रह करने पर योजक                      शब्द का प्रयोग किया जाता है ?
     उत्तर : द्वंद्व समास।
22. प्रश्न : द्वंद्व समास का विग्रह करने पर कौन सा                      योजक शब्द प्रयुक्त किया जाता है ?
      उत्तर : और / या ।
23. प्रश्न : किस समास के दोनों पद निष्क्रिय होकर                      किसी अन्य पद को प्रधानता देते हैं ?
      उत्तर : बहुव्रीहि समास ।
24. प्रश्न : किस समास का तीसरा पद प्रधान होता है                   ?
      उत्तर : बहुव्रीहि समास।
25. प्रश्न : संधि और समास में क्या अंतर है ?
      उत्तर : संधि वर्णों का तथा समास शब्दों का मेल                      होता है।










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